लेखनी कविता - नहीं किसी से डरते हम - बालस्वरूप राही
नहीं किसी से डरते हम / बालस्वरूप राही
टॉप, राइफल, रॉकेट, बम,
नहीं किसी से डरते हम!
सच है छोटे बच्चे हैं,
मगर वचन के सच्चे हैं!
संताने हैं वीरों की,
नहीं किसी सैनिक से कम!
अगर कारगिल आओगे,
बचकर लौट न पाओगे!
भारत माँ की कसं हमें,
तुम्हें मिटा कर लेंगे दम।